सांगली जिले में गन्ने की कीमत एक तिहाई हो गई है. यह निर्णय आज प्रशासन, चीनी मिलर्स और किसान संघ के कार्यकर्ताओं की बैठक में लिया गया है. चीनी मिलों ने बिना किसी कटौती के 3175 रुपये का भुगतान करने का फैसला किया है। इसलिए गन्ना आंदोलन सफल हुआ है.
पिछले कई महीनों से सांगली जिले में गन्ने का भाव कोल्हापुर फॉर्मूले के अनुसार मिले, इस मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है. राजू शेट्टी ने खुद उस आंदोलन में हिस्सा लिया और कांटा बंद आंदोलन चलाया. लेकिन बाकी चीनी मिलें कीमत पर सहमत नहीं हुईं, इसलिए आंदोलन जारी रहा. इसके बाद प्रशासन ने चीनी मिल किसान संघ की बैठक बुलाई. दो बैठकों के बाद आज यह समाधान निकला है. निर्माताओं ने 3175 रुपये का रेट देने का ऐलान किया है. सूखा क्षेत्र की चीनी मिलें पहले ही 3100 रेट भुगतान करने की घोषणा कर चुकी हैं। इसलिए यह आंदोलन सफल हुआ है.
12.5 प्रतिशत से अधिक रिकवरी वाली चीनी मिलों ने बिना कटौती के 3175 रुपये की दर से भुगतान करने का फैसला किया है। इससे स्वाभिमानी किसान संगठन को सफलता मिली है। स्वाभिमानी किसान संघ के जिला अध्यक्ष महेश खराडे ने कहा है कि अब गन्ना संघर्ष, इथेनॉल की लड़ाई जारी रहेगी.
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