किसानों के लिए बुलेट और विदेश यात्रा, कोल्हापुर फैक्ट्री से गन्ना लेने की पागल योजना, लकी ड्रा की घोषणा

वार्षिक बैठक में बोलते हुए वाराना एवं शुगर फैक्ट्री के अध्यक्ष विधायक डॉ. विनय कोरे ने घोषणा की कि जो भाग्यशाली किसान मार्च के लिए गन्ना पंजीकरण कराएंगे और मार्च में गलिटा को गन्ना भेजेंगे उन्हें बुलेट मोटरसाइकिल, गन्ना मानदंड के माध्यम से विदेशी दौरे जैसे अवसर दिए जाएंगे। खींचना।

वर्णनगर में श्री तात्यासाहेब कोरे वर्ण सहकारी चीनी कारखाने की 67वीं वार्षिक बैठक में एजेंडे के सभी विषयों को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई, जिसमें परिचालन क्षेत्र को बढ़ाने के निर्णय के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह और एस्ट्रो के वैज्ञानिकों को बधाई देने वाला प्रस्ताव भी शामिल था। ​वर्ना फैक्ट्री में कुछ और गांवों को शामिल कर सहकारी चीनी मिलों को आयकर से छूट दी गई

मार्च माह में फैक्ट्रियों को 50 टन गन्ना आपूर्ति करने वाले किसान बुलेट के लिए पात्र होंगे। अत: मार्च माह में ही 30 टन गन्ना आपूर्ति करने वाले किसान विदेश्वरी के लिए पात्र होंगे। किसानों का चयन लकी ड्रा के माध्यम से किया जाएगा।

इस वर्ष के गन्ना क्षेत्र और उत्पादन के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर चीनी उद्योग की स्थिति की विस्तृत समीक्षा करने के बाद, डॉ. कोरे ने किसानों से शत-प्रतिशत गन्ना मिलों को भेजने और पनंदी विकास का लाभ उठाने की अपील की। गन्ना विकास योजना से योजनाओं के प्रदर्शन की सराहना की।

संयुक्त हिस्से को अलग करने के अलावा, 15 से 28 फरवरी के बीच गिरने वाले गन्ने को 100 रुपये, 1 से 15 मार्च तक 200 रुपये और 15 मार्च के बाद गिरने वाले गन्ने को 350 रुपये की अतिरिक्त दर दी जाएगी। चीनी निर्यात नीति आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। वहीं डॉ. कोरे ने रिपोर्ट में जयशिवराय किसान संगठन के अध्यक्ष शिवाजीराव माने द्वारा कुछ मुद्दों पर उठाए गए सवालों का खुलासा किया।

इस अवसर पर उषभूषण पुरस्कार प्राप्त पाडली के राजाराम महादेव जाधव सहित शत-प्रतिशत गन्ना आपूर्ति करने वाले ग्राम बहिरेवाडी, केखले एवं मनपाडले के किसानों तथा लगातार कटाई परिवहन करने वाले वाहनों एवं बैलगाड़ी मालिकों का प्रतिनिधि रूप से अभिनंदन किया गया। . इस अवसर पर वाराना समूह के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों एवं निदेशक मंडल की उपस्थिति में जीवंत माहौल में बैठक हुई और वाराना आर्केस्ट्रा के सहयोगात्मक गीत के साथ बैठक शुरू हुई। सचिव बी.बी. दोशिंगे ने श्रद्धांजलि प्रस्ताव पढ़ा। वाइस अध्यक्ष प्रतापराव पाटिल ने धन्यवाद दिया जबकि प्रो.पी. बी. बंदगर और प्रो. नामदेव चोपड़े ने सत्र का संचालन किया।

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