Stock Market: भारतीय Stock Market का धमाकेदार प्रदर्शन; चीन हैरान रह गया

हालांकि भारतीय Stock Market आज दबाव में था, लेकिन कुल मिलाकर तेजी बरकरार रही। इसके आधार पर भारतीय बाजार में उछाल आया, जिससे चीन का सिरदर्द बढ़ गया होगा। चीन की अर्थव्यवस्था ख़राब हो गयी है. आर्थिक मोर्चे पर संकट में फंसे चीन की हालत खराब होती जा रही है और भारत की अर्थव्यवस्था जबरदस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही है.

चीन में वित्तीय संघर्ष के मद्देनजर दुनिया भर के निवेशक ड्रैगन को छोड़कर भारत में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं। अब चीन के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए भारतीय Stock Market ने MCap यानी बाजार के आकार के मामले में हांगकांग को पीछे छोड़ दिया है। भारतीय Stock Market हाल ही में हांगकांग को पछाड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा Stock Market बन गया है, वहीं भारत अब व्यापार के मामले में चीन से भी आगे निकल गया है।

भारतीय बाजार के दोनों सूचकांक BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) अब ट्रेडिंग वॉल्यूम में हांगकांग से आगे निकल गए हैं। BSE और NSE का एक महीने का औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम 16.5 बिलियन डॉलर प्रति दिन था, जबकि हांगकांग Stock Market का औसत 13.1 बिलियन डॉलर प्रति दिन था।

भारतीय बाजार तेजी से बढ़ रहा है

इस बीच, भारतीय Stock Market में पिछले साल लगातार आठवें साल तेजी रही। दूसरी ओर, हांगकांग का हैंग सेंग लगातार चौथे साल गिरा, जबकि चीन के शंघाई स्टॉक एक्सचेंज में भी लगातार दूसरे साल गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, चीनी बाजार में मंदी का दौर देखा जा रहा है। रियल एस्टेट संकट और आर्थिक चुनौतियों ने बाजरा सूचकांकों को मदद की है क्योंकि चीन का बाजार दिन-ब-दिन प्रमुख होता जा रहा है। भारत के दोनों प्रमुख बाजार BSE और NSE अब ट्रेडिंग के मामले में हांगकांग से आगे निकल गए हैं। साल भर में बाज़ार इतना गिर गया

इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ विदेशी निवेशकों का माना जा रहा है, जो इन दिनों ‘भारत खरीदो, चीन बेचो’ रणनीति अपना रहे हैं। चीनी शेयर बाज़ारों में सरकारी हस्तक्षेप ने भी विदेशी निवेशकों के बीच विश्वास को कम कर दिया है, जिससे भारत और चीन में बाज़ार की गतिविधियों पर सबसे बड़ा फर्क पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल भारत का सेंसेक्स करीब 17% बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग करीब 27% गिरा।

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