बैंक ऑफ इंडिया में लोन घोटाला, 9 करोड़ का हेरफेर! दो शाखा प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है

नई दिल्ली: झारखंड के जमशेदपुर में बैंक ऑफ इंडिया में लोन बांटने से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है और पता चला है कि बैंक के दो शाखा प्रबंधकों ने यह काम किया है. दोनों मैनेजरों ने दो दर्जन से अधिक लोगों और कंपनियों को लोन देने के नाम पर 9.24 करोड़ रुपये का घोटाला किया.

जांच में घोटाला उजागर होने के बाद बैंक ऑफ इंडिया की बिस्टुपुर शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक ने दोनों आरोपी अधिकारियों समेत 27 लोगों और कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. घोटाले में आरोपी दो शाखा प्रबंधकों में धीरज कुमार झा शामिल हैं, जो जमशेदपुर में कदम उलियान शाखा में काम करते हैं, और नितेश, धालभूमधर में गोहरडांगरा शाखा के प्रबंधक हैं।

एक न्यूज साइट के मुताबिक, बैंक की रांची स्थित विजिलेंस टीम ने मार्च में कदम उलियान शाखा का निरीक्षण किया था, जिसमें घोटाले का खुलासा हुआ था. इसके बाद जांच में पता चला कि फर्जी लोन के आधार पर कुल 9.24 करोड़ रुपये निकाले गए. दोनों शाखा प्रबंधकों ने ग्राहकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाए और उनके नाम पर ऋण स्वीकृत किए और राशि को अलग-अलग खातों में वर्गीकृत किया।

इस घोटाले की शुरुआत कब और कैसे हुई?
यह फर्जी लोन घोटाला 2020 में ही शुरू हुआ और मार्च 2023 तक जारी रहा. बताया जा रहा है कि किसी के नाम पर 10 लाख तो किसी के नाम पर पचास लाख तक का फर्जी लोन वर्गीकृत किया गया है और यह लोन किसके नाम पर स्वीकृत हुआ, इसका कोई सुराग नहीं है. बैंक की ओर से दर्ज एफआईआर में उन सभी 27 लोगों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है जिनके नाम पर लोन की रकम निकाली गई है. हालांकि, एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है. दोनों आरोपी बैंक मैनेजरों की तलाश की जा रही है.

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