इकलौते बेटे की शादी होने से दुर्गा प्रसाद सहित पूरा परिवार बहुत खुश था। उन्होंने अपने बेटे की शादी में कोई कमी नहीं छोड़ी. हिंदू परंपरा के मुताबिक आशीष की शादी पटना के अशोक कुमार सिंह और किरण रंजन की बेटी करिश्मा से हुई. शादी के दूसरे दिन यानी 14 फरवरी को दूल्हा दुल्हन को लेकर वापस लौट आया. उनकी शादी का रिसेप्शन 16 फरवरी को रखा गया था।
17 फरवरी को आशीष करिश्मा का घर छोड़कर चला गया. घर आने के बाद वह अपने घर आए मेहमानों की सेवा कर रहा था। फिर शविनारी रात को उन्होंने घर का सारा सामान व्यवस्थित किया और करीब 1 बजे वह अपने कमरे में सोने चले गए. इसके बाद रात करीब 2 बजे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. वह अपने पिता को फोन करने लगा. इसी दौरान वह बिस्तर से नीचे गिर गये और उनके सिर में चोट लग गयी.
आशीष की आवाज सुनकर घर के लोग जाग गए। लेकिन, जब तक आशीष के पिता और अन्य परिजन उसके कमरे में पहुंचे, आशीष की मौत हो चुकी थी. परिजन तुरंत आशीष को अस्पताल लेकर आए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आशीष अपने परिवार में इकलौता बच्चा था। इस तरह युवक की शादी के चौथे दिन ही मौत हो जाने से उसके बुजुर्ग माता-पिता और बहन का सहारा खत्म हो गया है। उनकी मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। आशीष की मौत से जिस घर में कुछ घंटे पहले खुशी का माहौल था, वहां अब हर कोई गम के सागर में डूब गया है. इस घटना से पूरे इलाके में आक्रोश है.