1 से 6 सितंबर के बीच राज्य में सिर्फ 24.05 यानी औसतन 13.60 फीसदी बारिश हुई है. 2579 राजस्व क्षेत्रों में से 446 राजस्व क्षेत्रों में 21 दिन से अधिक बारिश हुई है। कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में समीक्षा की गई.
फसल बीमा अग्रिम के लिए योजना
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में 1 करोड़ 70 लाख किसानों ने फसल बीमा के लिए पंजीकरण कराया है। उन्होंने प्रशासन को फसल बीमा अग्रिम, पेयजल, चारा उपलब्धता के लिए नियमानुसार सख्त योजना बनाने का निर्देश दिया. सरकार की प्राथमिकता बारिश के अभाव में पीने के लिए पानी आरक्षित करना है। फसल बीमा का अग्रिम भुगतान कैसे किया जाए, इसकी सुनियोजित योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने यह देखने के निर्देश दिये कि कितनी क्षति सही-सही हुई है, व्यवस्थाओं के बीच समन्वय बना रहे। पीने के पानी का आरक्षण महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा कि हम देख रहे हैं कि किसी भी स्थिति में हम किसानों की कैसे मदद कर सकते हैं.
इस अवसर पर कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुप कुमार ने प्रस्तुतीकरण दिया. इस साल बारिश ने महाराष्ट्र में देर से प्रवेश किया. देर से आने के बावजूद जून में औसत बारिश 115.5 मिमी यानी औसत की 53.7 फीसदी रही. उसके बाद जुलाई महीने में अच्छी बारिश हुई. जुलाई में औसत बारिश का 138.7 फीसदी यानी 459 मिमी बारिश हुई है. इसके बाद अगस्त माह में भी बारिश का दौर जारी रहा और प्रदेश में अगस्त माह के औसत का केवल 38.0 प्रतिशत यानी 107.9 मिमी बारिश ही हुई है. सितंबर की शुरुआत से ही यह स्थिति बनी हुई है. उन्होंने बताया कि इस समय सितंबर माह की औसत वर्षा 13.60 प्रतिशत है.